वनौषधीची लागवड करण्यासाठी रोपांची, बियाण्याची अथवा लागवड योग्य वनस्पतीच्या भागांची रोपवाटिकेमध्ये निर्मिती करणे आवश्यक आहे. त्याचप्रमाणे प्रजातीची निवड, त्याची मागणी, दर इत्यादी माहिती असणे गरजेचे आहे. औषधी वनौषधीची वेगळी रोपवाटिका स्थापन करणे आवश्यक आहे.
अ.नं. | प्रजातीचे नाव | वाढीचा प्रकार | औषधी भाग | पुनरुत्पादन | आवश्यक बीजप्रक्रिया | रोपवाटिका तंत्र | |
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१ | बेल | वृक्ष | फळे/पाने | बिया व कलमापासून | ताजे बिया पेराव्यात | पिशवीतील रोपे | |
२ | अर्जुन | वृक्ष | झाडाची साल | बियांपासून | बिया २४ तास थंड पाण्यात ठेवणे | पिशवीतील रोपे | |
३ | बहावा | वृक्ष | शेंगा | बियांपासून | बिया उकळल्या पाण्यात ५ मिनिट व थंड पाण्यात बुडविणे | पिशवीतील रोपे | |
४ | हिरडा | वृक्ष | फळे | बियांपासून | बिया ३६ तास थंड पाण्यात बुडविणे | पिशवीतील रोपे | |
५ | आश्वगंधा | हंगामी वनस्पती | मूळ | बियांपासून | डायथेन एम -४५ पावडर ३ ग्रॅम प्रती किलो बियास चोळावे | गादी वाफ्यावर रोपे करणे | |
६ | काळमेघ | हंगामी वनस्पती | पंचांग | बियांपासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
७ | वेखंड | हंगामी वनस्पती | मूळ | कंदाने | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
८ |
तुळस | हंगामी वनस्पती | पंचांग | बियांपासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
९ | ब्राह्मी | हंगामी वनस्पती | पंचांग/पाने | बिया व खोडापासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
१० | सफेद मुसळी | हंगामी वनस्पती | मूळ | कंद विभाजनाने | गादी वाफ्यावर रोपे | ||
११ | काटे रिंगणी | हंगामी वनस्पती | पंचांग | बियांपासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | गादी वाफ्यावर रोपे | |
१२ | कोरफड | बहुवार्षिक वनस्पती | पाने | मुळापासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | गादी वाफ्यावर रोपे | |
१३ | शतावरी | शतावरी | कंद | बी व कंदाद्वारे | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | गादी वाफ्यावर रोपे | |
१४ | पुनर्नवा | हंगामी वनस्पती | मूळ | बियांपासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
१५ | अनंतमूळ | बहुवार्षिक वेल | मूळ | बियांपासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | गादी वाफ्यावर रोपे | |
१६ | खाजकुहिली | हंगामी वेल | बिया | बियांपासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | गादी वाफ्यावर रोपे | |
१७ | गुळवेल | बहुवार्षिक वेल | खोड | बिया व छाट कलम | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
१८ | पिंपळी | बहुवार्षिक वेल | मूळ | मूळखोडाद्वारे | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
१९ | गुडमार | बहुवार्षिक वेल | खोड,पाने | बियांपासून | प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२० | जेष्ठमध | क्षुप | खोड,मूळ |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२१ | मालकांगणी | बहुवार्षिक वेल | बिया |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२२ |
मंजिष्ठा | हंगामी वेल | खोड |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२३ | सोनामुखी | क्षुप | बी /पाने |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२४ | बकुळ | वृक्ष | साल/बियांचे तेल |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | गादी वाफ्यावर रोपे | |
करणे २५ | बिबळा | वृक्ष | साल,फुले |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२६ | शिवन | वृक्ष | मुल,फुले |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२७ | सोनचाफा | वृक्ष | फुले बियांपासून तेल |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२८ |
टेटू | वृक्ष | मूळ |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे | |
२९ | सर्पगंधा | वृक्ष | मुळ |
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प्रक्रिया करणे आवश्यक नाही | पिशवीतील रोपे |
वृक्ष वेली व झुडपे एकाच क्षेत्रात लावण्यायोग्य प्रजाती शेतकरयाना एकाच ठिकाणी मिळू शकतील.राहुरी येथील महात्मा फुले कृषी विद्यापिठाच्या औषधी व सुगंधी वनस्पती प्रकल्पात वर नमूद केलेल्या औषधी वनस्पतींची रोपे उपलब्ध आहेत.
स्त्रोत - कृषी विभाग महाराष्ट्र शासन
अंतिम सुधारित : 8/4/2023