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ज्वार,कोदो एवं संकर धान

ज्वार

बीज उपचार

  • बीज उपचारक बीज उपचार बहुत महत्वपूर्ण है इससे मिट्टी एवं बीजों से जनित रोगों से बचाव किया जा सकता है।
  • 3 ग्राम थाईरम या एग्रोसन जी.एन.या कैपटन या सिरासन प्रति किलो बीज से उपचार किया जा सकता है।
  • बीज को फंफूदनाशक के साथ अच्छी तरह मिला लें ।
  • बीज उपचारित करने के बाद उन्हें छाया में रख दें जिससे फंफूदनाशक का असर रहे।
  • अगर उपचारित बीज का उपयोग कर रहे हो, तो उन्हें उपचारित न करें।
  • बोनी के लिए प्रमाणित बीजों का ही उपयोग करना चाहिए जो कि प्राय: उपचारित रहते हैं।

बीज शोधन

  • ज्वार के बीज का शोधन एजोक्टोवेक्टर या एजोस्पारिलम करना चाहिए।
  • गुड़ का एक लीटर का घोल बनाकर उसमें 150 ग्राम के 5 पैकेट
  • निवेशक को अच्छी तरह मिला लें।
  • कम मात्रा में बीजों को ले जिससे अच्छी तरह मिल जाए।
  • हवा में छाया में सुखाए फिर तुरन्त बोनी कर दें।
  • निवेशक की मात्रा बीज दर के अनुसार ही लें।
  • निवेशक बीज को सूर्य की रोशनी और ताप से बचायें।

बीज दर और बोनी

  • पौधों कर अनुकूल संख्या और अच्छी उपज के लिए बीज दर एक महत्वपूर्ण है। ज्वार के लिए अनुमोदित बीज दर 8 से 10 कि.ग्रा. बीज प्रमि हेक्टेयर है।एक एकड़ में पौधों की संख्या लगभग 80000 या एक हेक्टेयर में 200000 होना चाहिए।बोनी मानसून के आगमन पर खरीफ ज्वार के सभी क्षेत्रों में कर देना चाहिए।बोनी की गहराई 3 से 4 से.मी. तक ही होना चाहिए।
  • पौधे से पौधे की दूरी 15 से 20 से.मी. और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 40 से 45 से.मी. होना चाहिए।

कोदों

बीज उपचार

  • बीज को, मिट्टी और बीज से उत्पन्न होने वाले रोगों से बचाने के लिए उपचारित करना चाहिए।
  • बीज को उपचारित करने के लिए1कि.ग्रा.बीज को 2 ग्राम बेवीस्टीन या विटावेक्स से उपचारित करना चाहिए।या
  • बीज को उपचारित करने के लिए1कि.ग्रा.बीज को 2.5 से 3 ग्राम कैपटन या थाईरम से उपचारित करना चाहिए।
  • बीज उपचार का कार्य छाया में करना चाहिए।
  • कोदों में बीज शोधन से पूर्व बीज उपचारित करना चाहिए।

बीज शोधन

  • बीज का शोधन एग्रोबेक्टीरियम रेडियोबेक्टर और एस्परजिल्लस आवामुरी का 25 ग्राम#कि.ग्रा. बीज की दर से करें।या
  • एजोटोबेकटर्स या एजोस्पाईरिलम से बीजों निवेशन कर सकते है।
  • गुड़ का एक लीटर का घोल बनाकर उसमें 150 ग्राम के 5 पैकेट निवेशक को अच्छी तरह मिला लें।
  • 80-100 कि.ग्रा. बीजों पर छिड़के।
  • कम मात्रा में बीजों को ले जिससे अच्छी तरह मिल जाए।
  • हवा में छाया में सुखाए फिर तुरन्त बोनी कर दें।
  • निवेशक की मात्रा बीज दर के अनुसार ही लें।

बीज दर और बोनी

  • मध्य प्रदेश में बुआई का उपयुक्त समय जून के आखिरी सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक है।
  • कतार बुआई के लिए उपयुक्त बीज दर 10 कि.ग्राह है।
  • अच्छी पैदावार के लिए बीज दर 12 से 15 कि.ग्रा.है
  • छिड़का बुआई के लिए बीज दर15 कि.ग्रा. है।
  • बीज को 2 से 3 सेमी से ज्यादा गहरा न बोयें।
  • अच्छे परिणाम के लिए पौध से पौध की दूरी करीब 7.5 से.मी. तथा कतार से कतार की दूरी करीब 22.5 से.मी. होना चाहिए।
  • छिड़का पद्धति से बुआई नहीं करना चाहिए। यदि किसी कारणवश छिड़का पद्धति द्वारा बुआई की जाती है तो बीज दर 15 कि.ग्रा रखें।

संकर धान

बीज उपचार

  • 20 कि.ग्रा. संकर बीज को 18 से 20 घंटे तक डुबाकर रखें।
  • पहले से भिगाकर रखे हुए बीजो को 4 ग्राम/कि.ग्रा. कार्बाडजिम से उपचारित करें।

बीज शोधन

  • रोपाई विधि में एजोक्टोबेक्टर/ एजोस्पाईरलम का घोल ( 3 कि.ग्रा. 150 लीटर पानी में -ज्ञतनजप क्मअ 010अमय एक हेक्टेयर के रोपा के लिए बनाए।
  • रोपा को 10 मिनट तक डुबाए और फिर रोपाई करें।

बीज दर और बोनी

नर्सरी

संकर नर्सरी

  • 750-800 वर्ग मीटर की नर्सरी एक हेक्टेयर के लिए पर्याप्त होती है।
  • 1-1.25 मीटर चौडाई में सीडबेड बनाए।
  • जल निकास की उचित व्यवस्था करें।
  • 10-15 टन सड़ी हुई खाद मिलाए।
  • 1 कि.ग्रा. नत्रजन 0.6 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 0.4 कि.ग्रा. पोटाश प्रति 100 वर्ग मीटर में डाले।
  • अंकुरण के लिए बीजों को गनी बैग में रखें।
  • अंकुरित बीजों को एकसमान बोयें।
  • सीड बेड को सूखने न दें।
  • अंकुरित पौधे जब दो से.मी. के हो जाएं तो पानी की पतली परत खेत में रहने दें।
  • बोनी के 15 दिन बाद 0.5 कि.ग्रा. नत्रजन खेत में डालें।

स्त्रोत : एमपीकृषि,किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग,मध्यप्रदेश सरकार

अंतिम सुधारित : 1/8/2020



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