नैशनल इलेक्ट्रानिक फंड्स ट्रान्स्फर (एनईएफटी) एक देश व्यापी व्यवस्था है, जो व्यक्तियों, फर्मों, और कंपनियों को बैंक की किसी एक शाखा से देश में स्थित अन्य किसी बैंक शाखा में खातेदार व्यक्तियों, फर्मों, और कंपनियों को इलेक्ट्रानिक निधि अंतरण की सुविधा प्रदान करती है।
एनईएफटी निधि अंतरण नेटवर्क का भाग होने के लिए किसी बैंक शाखा को एनईएफटी-सक्षम होना चाहिए। फ़रवरी 2011 के अंत की स्थिति के अनुसार देश में 100 बैंकों की 75,431 शाखाएं / कार्यालय (लगभग 82,400 बैंक शाखाओं में से) एनईएफटी सक्षम हैं। बैंकों और शाखाओं / कार्यालयों, दोनों के संबंध में दायरा बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
एनईएफटी व्यवस्था में हिस्सा लेने वाली बैंक शाखाओं की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/Scripts/neft.aspx पर उपलब्ध है। एनईएफटी व्यवस्था में हिस्सा लेने वाले बैंकों / शाखाओं के पास भी विवरण उपलब्ध रहेगा।
बैंक शाखा में खातेदार व्यक्ति, फर्में अथवा कंपनियां एनईएफटी के माध्यम से निधि अंतरण कर सकते हैं। वे व्यक्ति, फर्में अथवा कंपनियां भी जिनका बैंक में खाता नहीं है(अकस्मात ग्राहक) एनईएफटी सक्षम शाखा में एनईएफटी के द्वारा निधि अंतरण के मकसद से नकदी जमा करा सकते हैं। अकस्मात ग्राहकों को नकदी जमा कराने और लाभार्थी को निधि अंतरण करने के लिए एनईएफटी व्यवस्था में अलग से एक लेन-देन कोड (नं.50) आबंटित किया गया है। ऐसे ग्राहकों को अपने पूरे पते, दूरभाष नं, आदि समेत अपना सम्पूर्ण विवरण देना होता है। इस प्रकार मूल रूप से राशि भेजने वालों अथवा प्रेषकों को एनईएफटी यह सुविधा देता है कि वे बिना बैंक खाते के भी निधि अंतरित कर सकते हैं।
व्यक्ति, फर्में अथवा कंपनियां जिनका बैंक में खाता है, एनईएफटी व्यवस्था के माध्यम से निधि प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए लाभार्थी का देश में स्थित उस एनईएफटी सक्षम बैंक शाखा में खाता होना आवश्यक है जहां निधि जानी है।
एनईएफटी व्यवस्था भारत से नेपाल, एक-तरफा सीमा पार निधि अंतरण की सुविधा भी देती है। यह इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के नाम से जानी जाती है। प्रेषक किसी भी एनईएफटी सक्षम शाखा से नेपाल में निधि अंतरित कर सकता है, भले ही लाभार्थी का नेपाल में बैंक में खाता हो या नहीं। लाभार्थी को नेपाली मुद्रा में निधि प्राप्त होगी। भारत से नेपाल निधि अंतरण की सुविधा हेतु एनईएफटी व्यवस्था में अलग से एक लेन-देन कोड (नं.51) आबंटित किया गया है।
इंडो - नेपाल धन - प्रेषण सुविधा योजना की और अधिक जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/content/pdfs/84489.pdf पर उपलब्ध है।
नहीं। एनईएफटी द्वारा अंतरित की जा सकने वाली राशि की कोई निम्नतम या अधिकतम सीमा नहीं है। लेकिन ऊपर प्रश्न 4 और प्रश्न 5 में वर्णित अकस्मात ग्राहक, इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के तहत निधि अंतरित करने वाले अधिकतम रु.49,999 तक की राशि ही अंतरित कर सकते हैं।
नहीं। देश के भीतर केन्द्र या भौगोलिक क्षेत्र संबंधी कोई सीमाएं नहीं है। एनईएफटी व्यवस्था बैंकों की केंद्रीकृत लेखा प्रणाली का लाभ उठाती है। इस उद्देश्य के लिए एनईएफटी के माध्यम से निधि अंतरण के आदेश देने वाले या पाने वाले बैंकों के खाते केंद्रीकृत रूप से मुंबई में संचालित किए जाते हैं। हालांकि एनईएफटी में भाग लेने वाली शाखाएं देश के किसी भी कोने में हो सकती हैं।
इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना का लाभ देने के लिए एनईएफटी व्यवस्था नेपाल में बैंकों की शाखाओं में भी उपलब्ध करायी गयी है।
वर्तमान में, एनईएफटी में लेनदेन का निपटान हर घंटे किया जाता है । सप्ताह के पहले पाँच दिन प्रात: 9 बजे से सायं 7 बजे तक ग्यारह निपटान रखे गए हैं तथा शनिवार प्रात: 9 बजे से 1 बजे तक पांच निपटान रखे गए हैं।
चरण 1. व्यक्ति / फर्म / कंपनी जो एनईएफटी के द्वारा निधि अंतरण का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें लाभार्थी का पूरा विवरण देते हुए एक प्रार्थना पत्र भरना होगा (जैसे लाभार्थी का नाम, उस बैंक शाखा का नाम जिसमें लाभार्थी का खाता हो, बैंक शाखा आईएफएससी, खाते का प्रकार, खाता संख्या)। प्रार्थना पत्र एनईएफटी निधि अंतरण आरंभ करने वाली बैंक शाखा के पास उपलब्ध होगा। प्रेषक बैंक शाखा को अपने खाते से निर्दिष्ट राशि निकालने और लाभार्थी को भेजने के लिए अधिकृत करेगा। वे ग्राहक जो नेट बैंकिंग सुविधा का उपयोग कर रहे हैं निधि अंतरण के लिए ऑनलाइन अनुरोध कर सकते हैं। कुछ बैंक एटीएम द्वारा भी एनईएफटी सुविधा देते हैं। लेकिन अकस्मात ग्राहकों को बैंक शाखा को अपना संपर्क सूत्र विवरण (पूरा पता और टेलीफोन नं. आदि) देना होगा। इससे किसी कारण से लाभार्थी के खाते में पैसा न पहुंचने, अंतरण निरस्त / वापिस होने पर ग्राहक को पैसा लौटाने में शाखा को मदद मिलेगी।
चरण 2. मूल बैंक शाखा एक संदेश तैयार करती है तथा उस संदेश को अपने पूलिंग सेंटर (यह एनईएफटी सर्विस सेंटर भी कहलाता है) को भेजती है।
चरण 3. पूलिंग सेंटर उस संदेश को अगले उपलब्ध बैच में शामिल करने के लिए आगे एनईएफटी समाशोधन केन्द्र (राष्ट्रीय समाशोधन कक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई द्वारा संचालित) को भेजता है।
चरण 4. समाशोधन केन्द्र निधि अंतरण लेनदेनों की छंटाई गन्तवय-बैंक वार करता है और भेजने वाले बैंक से निधि प्राप्त करने (डेबिट) एवं गन्तवय बैंक को निधि देने (क्रेडिट) हेतु लेखांकन प्रविष्टियां करता है। उसके बाद, बैंक वार प्रेषण संदेश पूलिंग सेंटरों (एनईएफटी सर्विस सेंटर) द्वारा गन्तवय बैंकों को भेजे जाते हैं।
चरण 5. गन्तवय बैंक समाशोधन केन्द्र से आंतरिक प्रेषण संदेश प्राप्त करते हैं और लाभार्थी के खाते में पैसा जमा करते हैं।
आईएफएससी या भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड एक अल्फा न्यूमेरिक कोड है जो एनईएफटी में भाग लेने वाली बैंक शाखा को एक विशिष्ट पहचान देता है। यह 11 अंकों का कोड है जिसमें प्रथम 4 अल्फा वर्ण हैं, जो बैंक को प्रदर्शित करते हैं तथा अंतिम 6 संख्यात्मक अक्षर हैं, जो शाखा को प्रदर्शित करते हैं। पांचवा वर्ण शून्य(0) है। आईएफएससी का उपयोग एनईएफटी द्वारा लक्ष्य बैंकों / शाखाओं को संदेश भेजने के लिए किया जाता है।
आईएफएससी की बैंक-वार सूची एनईएफटी में भाग लेने वाली सभी बैंक शाखाओं के पास उपलब्ध है। एनईएफटी में भाग लेने वाली सभी बैंक शाखाओं और उनकी आईएफएससी की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/scripts/neft.aspx पर उपलब्ध है। सभी बैंकों को भी यह सलाह दी गयी है कि वे अपने ग्राहकों को जारी किए जाने वाले चेकों पर भी बैंक शाखा का आईएफएससी प्रिंट करवाएं। कई बैंकों ने नेट बैंकिग का लाभ लेने वाले ग्राहकों को लक्ष्य बैंक शाखा के आईएफएससी खोजने के लिए आन लाइन खोजने / पॉप अप की सुविधा उपलब्ध करायी है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सदस्य बैंकों के लिए 31 मार्च 2011 तक प्रोसेसिंग या सेवा शुल्क माफ किया है। तदनुसार एनईएफटी में भाग लेने वाले सदस्य बैंकों को किसी भी प्रकार की प्रोसेसिंग या सेवा शुल्क भारतीय रिज़र्व बैंक को नहीं देना होता है। सदस्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों पर लगाए जानेवाले शुल्क को भी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नीचे बताये गये प्रकार से युक्तिसंगत बनाया गया है-
लक्ष्य बैंक शाखाओं पर आवक लेनदेन (लाभार्थी के खाते में क्रेडिट हेतु)-
मुफ्त, लाभार्थी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
मूल बैंक शाखाओं पर बाहरी लेनदेन (प्रेषक के लिए शुल्क)
- रु.1 लाख तक का लेनदेन के लिए- रु.5 से अधिक नहीं (सेवा कर अतिरिक्त)
- रु.1 लाख से ऊपर और रु.2 लाख तक के लेनदेन के लिए- रु.15 से अधिक नहीं (सेवा कर अतिरिक्त)
- रु.2 लाख से ऊपर के लेनदेन - रु.25 से अधिक नहीं (सेवा कर अतिरिक्त)
नोट: एनईएफटी व्यवस्था द्वारा भारत से नेपाल निधि अंतरण (इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के तहत) के लिए निम्नानुसार शुल्क लगेगा -
क) भारत में स्थित मूल बैंक शाखा-प्रति लेनदेन अधिकतम रु.5 (सेवा कर अतिरिक्त)
ख) भारत में स्थित भारतीय स्टेट बैंक – प्रति लेनदेन रु.20 (सेवा कर अतिरिक्त, यदिलाभार्थी का एसबीआई लि.(एनएसबीएल) नेपाल में खाता हो।
ग) भारतीय स्टेट बैंक इस राशि को एनएसबीएल के साथ बराबर बांटता है। एनएसबीएल लाभार्थी के खाते में राशि क्रेडिट करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा।
घ) यदि लाभार्थी का एनएसबीएल में खाता नहीं है, तो रु.5,000 तक की निधि के प्रेषण पर रु.50 (सेवा कर अतिरिक्त) की दर से और रु.5,000 से अधिक निधि की प्रेषण पर रु.75 (सेवा कर अतिरिक्त) की दर से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
इस प्रकार से इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के तहत लेनदेन की रकम और लाभार्थी को क्रेडिट किए जाने वाले तरीके पर निर्भर करते हुए लिया जाने वाला शुल्क कम से कम रु.25 (सेवा कर अतिरिक्त) और अधिकतम रु.100 (सेवा कर अतिरिक्त) है।
धन भेजने वाली बैंक शाखाओं को यह सलाह दी गई है कि वे प्रेषक से ऊपर दिये गये ढांचे के अनुसार पूरा शुल्क वसूल करें तथा अपना भाग (रु.5 + सेवा कर) रखने के बाद उचित राशि एसबीआई को दे दें।
सप्ताह के दिनों के प्रथम नौ बैचों (अर्थात प्रात: 9 से सायं 5 बजे तक के लेनदेनों) और शनिवार को प्रथम चार बैचों (अर्थात प्रात: 9 से 12 बजे तक के लेनदेनों) का लाभार्थी के खाते में उसी दिन क्रेडिट हो जानी चाहिए । सप्ताह के दिनों के अंतिम दो बैचों में हुए लेनदेनों (अर्थात सायं 6 और 7 के बैचों में हुए लेनदेनों) और शनिवार के अंतिम बैच (अर्थात दोपहर 1 बजे हुए लेनदेनों) का लाभार्थी के खाते में उसी दिन या अगले कार्य दिवस की सुबह तक के क्रेडिट हो जानी चाहिए। (यह लाभार्थी द्वारा बैंक से ली जाने वाली सुविधा पर निर्भर करता है)।
एनईएफटी व्यवस्था द्वारा भारत से नेपाल निधि प्रेषण (इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधायोजना के तहत) की समय सीमा का विस्तृत विवरण अलग से http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/content/pdfs/84489.pdf में दिया गया है।
लाभार्थी के खाते में क्रेडिट न होने अथवा क्रेडिट में देरी होने पर संबंधित बैंक के ग्राहक सुविधा केन्द्र (सीएफसी) से संपर्क किया जा सकता है (प्रेषक अपने बैंक के सीएफसी से; लाभार्थी अपने बैंक के सीएफसी से संपर्क कर सकता है)। बैंक के एनईएफटी ग्राहक सुविधा केन्द्र का विस्तृत विवरण संबंधित बैंकों की वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह विवरण भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/script/neft.aspx पर भी उपलब्ध है।
यदि मामले का हल संतोषजनक तरीके से न हो तो, राष्ट्रीय समाशोधन केन्द्र भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई स्थित एनईएफटी हेल्प डेस्क (या भारतीय रिज़र्व बैंक का ग्राहक सुविधा केन्द्र) से ईमेल nefthelpdeskncc@rbi.org.in द्वारा या महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक राष्ट्रीय समाशोधन केन्द्र, प्रथम तल, फ्री प्रेस हाउस, नरीमन पाइंट, मुंबई-400021 को पत्र भेज कर संपर्क किया जा सकता है।
यदि किसी भी कारण से लाभार्थी के खाते में राशि क्रेडिट न हो पाए तो जिस बैच में लेनदेन प्रारंभ हुआ उसकी समाप्ति के दो घंटों के अंदर लक्ष्य बैंकों को वह लेनदेन राशि लौटानी होगी (मूल शाखा को)।
उदाहरण के लिए, यदि कोई ग्राहक एनईएफटी सक्षम शाखा को दोपहर 12.05 बजे निधि अंतरण का अनुरोध करता है तो शाखा संदेश को अपने पूलिंग सेंटर के माध्यम से तत्काल उपलब्ध बैच में, जो कि एक बजे का बैच है (उदाहरण के लिए) प्रोसेसिंग के लिए एनईएफटी समाशोधन केंद्र भेज देता है। यदि लक्ष्य बैंक किसी वजह से हिताधिकारी को क्रेडिट नहीं दे पा रहा हो तो उसे दोपहर 3.00 बजे वाले बैच से पहले मूल बैंक को लेन-देन की राशि को वापस करना होगा। मूल शाखा से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अगले 30 मिनट (अर्थात्) दोपहर 3.30 बजे तक मूल ग्राहक को राशि क्रेडिट करे। कहने का मतलब यह है कि ग्राहक क्रेडिट न किए गए सभी लेन-देनों के मामलों में लगभग 3 से 4 घंटे के भीतर अपनी राशि वापस पाने की उम्मीद कर सकते हैं।
हां, एनईएफटी का प्रयोग देश में एनआरई और एनआरओ खातों से/में निधियों के लेन-देन में किया जा सकता है। लेकिन, यह विदेशी-मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 2000 (फेमा) के प्रावधानों के अनुपालन के अधीन होगा।
नहीं, एनईएफटी प्रणाली का प्रयोग केवल भारतीय रुपये के देश के भीतर भागीदार बैंक शाखाओं के बीच धन-प्रेषण के लिए किया जा सकता है।
नहीं। लेकिन, इंडो-नेपाल धन-प्रेषण सुविधा योजना के तहत नेपाल जानेवाले धन-प्रेषण की सुविधा उपलब्ध है। योजना का विस्तृत विवरण भारतीय रिज़र्व बैंक के वेबसाइट पर http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/content/pdfs/84489 पर उपलब्ध है।
एनईएफटी प्रणाली का प्रयोग कार्ड जारीकर्ता बैंकों के क्रेडिट कार्ड की देय राशि के भुगतान में किया जा सकता है। कार्ड जारीकर्ता बैंक के क्रेडिट कार्ड की देय राशि के भुगतान को शुरू करने के लिए एनईएफटी प्रणाली में एक अलग लेन-देन कोड (सं.52) आबंटित किया गया है। एनईएफटी का प्रयोग कर बिल भुगतान लेन-देन शुरू करने के लिए हिताधिकारी कार्ड जारीकर्ता बैंक का आइएफएससी का उल्लेख करना आवश्यक है।
नहीं, एनईएफटी एक क्रेडिट-पुश प्रणाली है, अर्थात, लेन-देन केवल हिताधिकारी को निधि के अंतरण के लिए शुरु किये जा सकते हैं।
हां, हिताधिकारी के खाते में सफलतापूर्वक क्रेडिट हो जाने पर लेन-देन प्रारंभ करने वाले बैंक से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रारंभ करने वाले ग्राहक (एसअमएस या ई-मेल द्वारा) को क्रेडिट की सूचना के साथ-साथ दिनांक और क्रेडिट के समय की पुष्टि भेजे। इसके लिए, धन-प्रेषक को लेन-देन प्रारंभ करते वक्त शाखा में अपना मोबाइल सं. / ई-मेल आईडी देना होगा।
हां, धन-प्रेषक मूल बैंक शाखा के माध्यम से एनईएफटी लेन-देन की स्थिति का पता लगा सकते हैं। मूल बैंक शाखा के लिए इसका का पता लगाना संभव है और वे हर समय एनईएफटी लेन-देनों को ट्रैक कर सकते हैं।
एनईएफटी का प्रयोग कर निधि अंतरण लेन-देनों के लिए निम्नलिखित पूर्व शर्तें हैं:-
मूल और लक्ष्य बैंक शाखाओं को एनईएफटी नेटवर्क का हिस्सा होना चाहिए।
हिताधिकारी का विवरण जैसे हिताधिकारी का नाम, खाता संख्या और खाते के प्रकार।
हिताधिकारी बैंक शाखा का नाम और आइएफएससी। कुछ बैंकों ने नेट बैंकिंग ग्राहकों के लिए लक्ष्य बैंक और शाखा का नाम चिन्हित/चुनने/इंगित/टाइप करने से अपने यहां पॉप-अप की सुविधा उपलब्ध करायी है।
अक्तूबर 2005 से शुरू की गयी, एनईएफटी एक इलेक्ट्रानिक भुगतान प्रणाली है जो एक बैंक शाखा से दूसरे बैंक शाखा में निधि अंतरण करने का सुरक्षित तरीका है। एनईएफटी एंड-टू-एंड सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर (पीकेआइ) का प्रयोग करता है और निधियों के इलेक्ट्रानिक अंतरण के लिए बैंक की शाखाओं को जोड़ने के लिए इंडियन फाइनेंशियल नेटवर्क (आइएनएफआईएनईटी) का प्रयोग करता है1 प्रतिभागी बैंकों, शाखाओं के कवरेज और लेन-देन की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जो एनईएफटी प्रणाली के स्वीकार किये जाने की और लोकप्रियता को दर्शाती है। एनईएफटी प्रणाली और एनईएफटी प्रक्रियात्मक दिशा-निर्देशों पर और अधिक जानकारी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर http://www.rbi.org.in/scripts/neft.aspx पर उपलब्ध है।
स्त्रोत: रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया
अंतिम सुधारित : 9/27/2019
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